बीजिंग । चीन में एक बार फिर से कोरोना ने विस्फोटक रूप अख्तियार कर लिया है। चीन में कोरोना का ऐसा भयंकर विस्फोट हुआ है कि अस्पतालों में जगह नहीं बची हैं। श्मशान घाटों पर लाशोँ के अंबार लग गए हैं।दवा के लिए हाहाकार मच गया है। 
जीरो कोविड पॉलिसी हटने के बाद चीन में कोरोना ने ऐसी तबाही मचाई है कि इसका खौफनामक मंजर अभी से ही दिखने लगा है। अनुमान है कि इस बार चीन में कोरोना से 20 लाख से अधिक लोगों की मौत हो सकती है जबकि 23 करोड़ से अधिक आबादी इससे संक्रमित हो सकती है। हालांकि चीन ने आधिकारिक तौर पर कोरोना से केवल 5237 मौतों की पुष्टि की है। चीन में कोरोना संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि मेडिकल स्टोर्स में दवा मिलना भी मुश्किल हो गया है। 
अस्पतालों में इलाज के लिए भीड़ उमड़ रही है और लोगों को अपनी बारी के लिए लंबी लाइनों में इंतजार करना पड़ रहा है। चीन में कोरोना के विस्फोट की वजह से सर्दी और फ्लू की दवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। इतना ही नहीं अस्पतालों में बढ़ते कोरोना मरीजों को बेड की किल्लत होने लगी है। दवा की भी कमी हो गई है। कोरोना जांच के लिए भी लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। कोरोना मरीज अब दम तोड़ने लगे हैं और इसकी संख्या ने चीन के लोगों को और डरा दिया है।
चीनी सरकार ने कहा कि कोरोना में केवल श्वसन प्रणाली के विफल होने से होने वाली मौतों को ही आधिकारिक आंकड़ों में शामिल किया जाएगा। माना जा रहा है कि चीन ने पैनिक माहौल को देखते हुए यह फैसला लिया है। चीन में कोराना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप के नए उप-स्वरूपों से संबंधित संक्रमण के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई है। चीन वर्तमान में लोग मुख्यत: ओमीक्रॉन के दो उपस्वरूपों-बीए.5.2 और बीएफ.7 से प्रभावित है।
चीन में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए की जा रही सख्ती खत्म करने के बाद अचानक कोरोना संक्रमण में तेजी पैदा हो गई है। चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण लोग खौफजदा हो गए हैं। दवाई की दुकानों में लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। दवा की शॉर्टेज के कारण उनकी कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं। चीन में कोविड के बढ़ते मामलों के बीच वहां बेड की कमी भी होने लगी है।