बीजिंग । भीषण कोरोना संकट से जूझ रहे चीन में स्थितियां अब भी विस्फोटक बनी हुई है. विभिन्न स्रोतों से आ रही जानकारी के अनुसार चीन में रोजाना तीन करोड़ से ज्यादा कोरोना केस आ रहे हैं। इम्युनिटी कमजोर होने के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है। एक ओर जब चीनियों पर कोरोना का कहर बरस रहा है दूसरी ओर चीन सरकार अपनी मनमानी करती दिखाई दे रही रही हैं।  चीन ने भीषण कोरोना संकट के बीच अगले साल में आठ जनवरी से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए ‘पृथक-वास खत्म करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही चीन अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को फिर से खोल देगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे अलग-थलग रहने के करीब तीन वर्षों बाद वह इस स्थिति से बाहर निकलने का प्रयास करेगा। ये घोषणाएं ऐसे समय में की गई हैं जब चीन ओमीक्रॉन बीएफ.7 वैरिएंट से जूझ रहा है। इसके पहले राष्ट्रपति शी जिनपिमंग इस माह की शुरुआत में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद अपनी सख्त कोविड नीति में छूट दे दी थी। 
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने सोमवार को कहा कि चीन अगले साल आठ जनवरी से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए पृथकवास की अनिवार्यता को खत्म कर देगा। चीन धीरे-धीरे कोविड के साथ जीना शुरू कर रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने घोषणा की है कि विदेश से आने वाले यात्री को अब क्वारंटाइन से नहीं गुजरना होगा। नया नियम 8 जनवरी से लागू होगा।

ग्रामीण इलाकों के शहरों में स्थिति विस्फोटक
वर्तमान में आने वाले यात्रियों को एक होटल में पांच दिनों के लिए क्वारंटीन रहना होता है इसके बाद तीन दिनों के लिए घर पर रहना होता है। संगरोध नियम को समाप्त करने को चीन द्वारा एक प्रमुख यू-टर्न के रूप में देखा जा रहा है। पहले राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व वाले प्रशासन ने चीन में कड़ा लॉकडाउन लगा रखा था। शून्य-कोविड नीति के कारण प्रशासन ने कई कड़े प्रतिबंध भी लगा रखे थे। लंबे समय से चीनी जनता लॉकडाउन में जी रही थी जिसका देश के अंदर विरोध चल रहा था। नवीनतम कदम ऐसे समय में उठाए गए हैं जब ग्रामीण चीनी शहरों में संक्रमण विस्फोटक बना हुआ है। हर रोज बहुत बड़ी संख्या में लोग कोरोना से पीड़िति हो रहे हैं श्मशान घाटों में लाइनें लगी हुई हैं। 


सामूहिक परीक्षण नियम खत्म करने के बढ़े कोरोना केस
चीन ने दैनिक कोविड गणना की सूचना देना बंद कर दिया है लेकिन जब से उसने अनिवार्य सामूहिक परीक्षण नियमों को समाप्त कर दिया है तब से कोरोना संक्रमण के केस अविश्वसनीय ढ़ंग से बढ़ने लगे हैं। चीन के स्वास्थ्य आयोग ने कहा है कि कुछ विदेशियों के लिए देश में प्रवेश करना आसान बनाने के लिए प्रतिबंधों में ढील दी गई है हालांकि इसमें पर्यटकों को शामिल नहीं किया गया। इसने संकेत दिया कि चीनी नागरिकों को धीरे-धीरे फिर से पर्यटन के लिए विदेश यात्रा की अनुमति दी जाएगी जो कई देशों में होटलों और संबंधित व्यवसायों के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।


बीजिंग में वितरित की जा रही फाइजर की दवा
एक अन्य बड़े घटनाक्रम में चीन ने आने वाले दिनों में राजधानी बीजिंग के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में फाइजर की कोविड दवा पैक्स्लोविड वितरित करने का फैसला किया है। बीजिंग और शंघाई दो प्रमुख शहर हैं जो संक्रमण में भारी वृद्धि से जूझ रहे हैं जिससे फार्मेसियों में दवाओं की कमी हो गई है। पैक्सलोविड कोविड के इलाज के लिए एकमात्र विदेशी दवा है जिसे चीन के नियामक द्वारा राष्ट्रव्यापी उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है लेकिन पहुंच सीमित है।